मौलिक अधिकार क्या है? मौलिक अधिकार का महत्व और वर्गीकरण

हेल्लो दोस्तों कैसे हैं आप सब आशा करता हूँ आप सब बहुत ही बढ़िया होंगे। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे मौलिक अधिकार क्या है? मौलिक अधिकार का महत्व और उसके वर्गीकरण के बारे में। क्या आप जानते हैं कि मौलिक अधिकार क्या है अगर नही जानते हैं और अब आप जानना चाहते हैं मौलिक अधिकार का महत्व क्या है? मौलिक अधिकारों का वर्गीकरण के बारे में पूरी जानकारी तो आप बिल्कुल सही जगह आये हैं क्यूंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको मौलिक अधिकार कितने होते हैं और इससे सम्बंधित सारी जानकारी आपको इस आर्टिकल के माध्यम से देने वाले हैं।

मौलिक अधिकार राज्य के विरुद्ध व्यक्ति के अधिकार हैं। यह हमारे राज्य के लिए नकरात्मक आदेश है अथार्त राज्य के कुछ कार्य प्रतिबन्ध लगते हैं। मौलिक अधिकार के अभाव में कोई भी व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का विकाश नहीं कर सकता है। मौलिक अधिकारो को नागरिक अधिकार के रूप में विश्व का सर्व प्रथम ब्रिटेन में दिया गया। इसे सन 2015 में वहा के सम्राट सार जन द्वितीय ने दिया जिसे दहंड बुत्जं कहा जाता है। ब्रिटेन में अलिखित सबिधन होने के कारण मौलिक अधिकार उस रूप में नहीं है जैसे भारत और अमेरिका में माना जाता है। maulik adhikar kise kahte hain इसके बारे में पूरी जानकारी जानने के लिए हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक अंत तक जरुर पढ़ें।

मौलिक अधिकार क्या हैं?

मौलिक अधिकार उन अधिकारों को कहा जाता है जो व्यक्ति के जीवन के लिए मौलिक होने के कारण संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किये जाते हैं। मौलिक अधिकार का वर्णन भारतीय संविधान के भाग-3 (अनुच्छेद12 से 35) तक किया गया है। भारतीय सविधान में मौलिक अधिकार संयुक्त राज्य अमेरिका के सविधान लिया गया है। यह अधिकार वह अधिकार हैं जो मनुष्य के जीवन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है इसके बिना का जीवन संभव नही है। यह अधिकार नागरिको को सविधान द्वारा दिया गया है मनुष्य के अधिकार के विकाश के लिए यह अधिकार बहुत आवश्यक है क्यूंकि इन अधिकारों से ही मनुष्य विकाश में कर सकता है आपको बता दें कि इसके बिना आज के समाज में विकाश नही हो सकता है।

इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संसद मौलिक अधिकार में संसोधन नही कर सकते हैं और यह शक्ति केवल सविधान सभा क पास होगी। इन अधिकारों का उलघन नही किया जा सकता है। यह अधिकार न्याय योग हैं जो समाज में सभी व्यक्ति को सामान रूप से प्राप्त है।

मौलिक अधिकार कितने है?

अगर आप मौलिक अधिकार कितने प्रकार के होते हैं इसके बारे में नही जानते हैं तो आप हमारे द्वारा इस आर्टिकल में हमने आपको निचे विस्तार से बताया है।

  • समानता का अधिकार (अनुच्छेद14-18)
  • स्वतंत्रता का अधिकार ( अनुच्छेद19-22)
  • शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
  • धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28)
  • संस्कृति और सिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 से 30)
  • संवैधानिक उपचारो को अधिकार (अनुच्छेद 30)

नोट: भारतीय सविधान में 7 मौलिक अधिकार प्राप्त थे। जो बाद में 44 वे सविधान संसोधन द्वारा 1978 में में संपति के अधिकार को मौलिक अधिकार की सूचि से हटा दिया गया है और इसे क़ानूनी अधिकार में रख दिया गया है। इस प्रकार वर्तमान में छह अधिकार भारतीय नागरिको को प्राप्त हैं।

समानता का मौलिक अधिकार (अनुच्छेद14-18)

समानता का अधिकार का अर्थ यह है कि सभी नागरिको के लिए सामान कानून है। समानता अधिकार जाति लिंग या धर्म स्थान यदि पर किसी भी प्रकार का भेदभाव ना किया जाये और सभी को सामान रूप से अधिकार देना समानता का अधिकार कहा जाता है। उदहारण के लिए व्यक्ति को धर्म जाति के आधार पर कोई यह नहीं कह सकता की आप किसी जाति विशेष के है इसलिए आपको नौकरी नहीं मिल सकती है। सविधान में छुआ छुत को क़ानूनी रूप से अपराध घोषित किया गया है।

सविधान के अनुछेद 14 इस बात की गारंटी देता है कि सभी नागरिको के प्रति सम्मन अधिकार को क़ानूनी रूप से दिया जाएगा सविधान के 15 में यह कहा गया है कि धर्म जाति लिंग और जन्म स्थान पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नही किया जाएगा। भारतीय सविधान के अनुच्छेद 16 में यह कहा गया है कि सभी व्यक्तियों को नौकरियों का सामान अवसर प्राप्त किया जायेगा। परन्तु राज्य पिछाड़ी हुई जतियो के लिए कुछ स्थान सुरक्षित रख सकते हैं।  सविधान में अनुच्छेद 17 के द्वारा छुआछुत को अवैध घोषित किया गया है। इसमें कहा गया है कि किसी भी धर्म या जाति के प्रति भेदभाव करने से उसे दंड दिया जाएगा। 

स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार ( अनुच्छेद19-22)

स्वतंत्रता का अधिकार वह अधिकार है जो भारतीय सविधान द्वारा भारत की जनता को दिया गया है। स्वतंत्रता का अधिकार इसलिए दिया गया है कि समाज के सभी व्यक्ति विकाश कर सकें। स्वतंत्रता का अधिकार भारतीय सबिधन के अनुशार अनुछेद 19 से अनुछेद 22  तहत दिए गए मौलिक अधिकारों को संदर्भित करता है। इन अधिकारों का उद्देश नए भारत में प्रस्तवना प्रिएंबल के द्वारा रखे गए स्वतंत्रता के आदेशो को बढ़ावा देना है ताकि व्यक्तियों के बिच सामन्यता को दूर किया जा सके और सभी व्यक्तियों को एक सम्मान जनक जीवन का अधिकार दिया जा सके।

शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)

सविधान के अनुच्छेद 23 यह कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को बंधुआ मजदूरी नही करा सकते हैं। इसी अनुच्छेद द्वारा मनुष्य का क्रय विक्रय स्त्रीयो का दुराचार आदि भी दण्डनीय है। भारतीय सविधान के 24 में यह कहा गया है कि 14 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चो से कारखानों में काम नही करवा सकते हैं।

शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)

धर्म की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार

धर्म की स्वतंत्रता अर्थ होता है कि भारत के सभी नागरिको को अपने अनुसार धर्म अपनाने या मानने की आजादी है। इसमें किसी से भी किसी भी प्रकार का भेदभाव नही किया जायेगा। सविधान 25 के अनुच्छेद में यह कहा गया है कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी धर्म को मानने के आचरण करने तथा धर्म का प्रचार करने की आजादी दी गई है।

धर्म की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार

 

संस्कृति और सिक्षा संबंधी अधिकार

भारत के राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग को निवाशी नागरिको के किसी भी अनुभाग को जिसकी अपनी विशेष भाषा लिपि या संस्कृति है उसे बनाए रखने का अधिकार होगा। राज्य के द्वारा पोषित या रज्य निधि से सहयता पाने वाली किसी शिक्षा संस्था के लिए किसी भी नागरिक को केवल धर्म मूल वंश जाति भाषा या इनमे से किसी भी आधार पर वंचित नही किया जायेगा। 

संवैधानिक उपचारो को अधिकार

संवैधानिक के अनुच्छेद 32 के तहत यह कहा गया है कि संवैधानिक उपचारों का यह अर्थ है अगर कोई व्यक्ति मौलिक अधिकारों का हनन करता है। तो भारत सविधान द्वारा उच्च न्यायलय तथा सर्वोच्च न्यायालय में लेख निर्देश तथा आदेश जारी करा सकता है।

निष्कर्ष 

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया मौलिक अधिकार क्या है? मौलिक अधिकार का महत्व Maulik adhikar kitne hai what is fundamental right इसके बारे में हमने आपको इस आर्टिकल में जानकारी दी आशा करता हूँ आपको हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर अधिकार के वर्गीकरण के बारे में जानकारी मिल गई होगी। मुझे उम्मीद है कि इससे संबंधित आपके सभी प्रश्न दूर हो गए होंगे। यदि आपके मन में अभी भी कोई प्रश्न है तो कृपया नीचे कमेंट करके हमें जरुर बताएं। हम आपको जल्द से जल्द जवाब देने की कोशिस करेंगे।

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